छोटी सी जिंदगानी , अरमान निकले भी तो कम |
कई बार जिंदा हुए, कई बार दफन हुए हम ||
कोई शिकवा भी नहीं तुझसे ऐ खुदाया |
तेरी कुदरत में जियें हैं , कभी सूखे कभी नम्म ||
उसपे वो करें , खुश रहने की दुआ |
ये कैसी अदा है मेरे अज़ीज़ मेरे सनम ||
रज़ा में तेरी, रज़ा है सब की |
ना मांगूं कुछ ज्यादा, ना चाहूं कुछ कम ||
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ReplyDeleteWhen you're unable to decide which direction you wanna go, it's good to allow the wind to take you wherever it wishes to..and enjoy the experience of the unknown :)
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